सोमवार, 2 अक्टूबर 2023

।।श्रीगणेशाय नमः । श्रीगिरिजादेव्यै नमः ।।

श्रीगिरिजामाता की अनन्त अहैतुकी अनुकम्पा से संवत्सर प्रतिपदा से ६ माह पूर्व ही श्रीताराप्रसाद दिव्य पंचांग के दसम अंक "एकराष्ट्र-एक पर्व रहस्य"विशेषांक संवत् २०८१ का प्रकाशन हो गया है । 
यद्यपि इस वर्ष "कर्तव्याकर्तव्य रहस्य विशेषांक"के प्रकाशन का विचार था , लेकिन रक्षा बन्धन पर हमारे ऊपर उठे आक्षेपों का यहाॅ उत्तर देना आवश्यक हो गया था । इसलिए इस अंक में १०००से अधिक ग्रन्थों का आलोडन कर , बद्धमूल अशास्त्रीय परम्पराओं के उलझे विवादास्पद मूल तत्वों तथा किसी व्यक्ति विशेष व पंचांग के प्रति सामूहिक गुटबन्दी के विस्तृत प्रपंच का दृढतापूर्वक खण्डन कर यथा शक्ति शास्त्रोक्त प्रत्युत्तर देते हुए हिन्दू पर्वो में होने वाले वैमत्य के प्रमुख कारणों और उनके निदान पर विशेष प्रकाश डाला गया है । 
            इस विशेषांक की प्रमुख विशेषता है कि इसमें धर्म शास्त्रों के पारद्रष्टा विद्वान तथा उत्तराखण्ड संस्कृत विश्व विद्यालय के वेद वेदांग संकाय के प्रमुख एवं ब्याकरण विभाग के अध्यक्ष डाॅ.शैलेश तिवारी जी के उपाकर्म एवं रक्षाबन्धन पर दिये गये निर्णय को यथावत् दिया गया है, साथ ही पूज्यपाद शंकराचार्य जी व काशीविद्वत् परिषद के निर्णय को भी संकलित किया गया है । 
                 इस विशेषांक में, सूर्य की उत्तरा व दक्षिणा क्रान्ति का रहस्य, संवत्सरानयन की सरल व सूर्यसिद्धान्त की विधि, सिद्धान्त की नीव पर खड़ा है फलित ज्योतिष का महल , क्षण भर में कैसे जानें जातक का जन्म नक्षत्र चरण, अयनांश निकालने की सरल विधि, सिद्धान्त ज्योतिष के सूक्ष्म सूत्र आदि अनेकों अश्रुत व अलोकित और जिन्हें ज्योतिषी व पंचांगकारों ने आज तक गुप्त रखा है उन सबको यहाॅ प्रकाशित किया गया है । इस अंक में उत्तराखण्ड के सभी जनपदों व मुख्य शहरों के अतिरिक्त लखनऊ, , दिल्ली, मुम्बई, काशी, जयपुर के प्रति दस दिन के सूर्योदय व सूर्यास्त भी स्टैण्डर्ड टाइम में दे दिया है जिससे किसी भी दिन का सूर्योदय व सूर्यास्त सरलता से ज्ञात किया जा सकता है ।
                    इसके अतिरिक्त आपातकालीन विवाह लग्न , नवग्रह दर्शनतालिका, राशिदर्शन तालिका, १५१वर्षो का साढेसाती चक्र, शनि गोचर चक्र, शनि ढैया चक्र, रत्न रहस्य आदि अपूर्व प्रकाशित रहस्यों को यहाॅ उदघाटित किया गया है । विशेषांक के रूप में प्रकाशित होने वाला यह उत्तराखण्ड का एक मात्र पंचांग है । प्रति वर्ष परम्परागत आयुर्वेद व जड़ी -बूटी, जो विश्व प्रसिद्ध जड़ी -बूटी व पर्यावरणविद श्री मदन सिंह बिष्ट जी के सौजन्य से प्रकाशित की जाती हैं ।पंचांग प्रकाशन की इस सूचना को आप अपने संचार माध्यमों से अधिक से अधिक शेयर कर प्रचारित व प्रसारित करें ।
     श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग का विमोचन ,दिनांक १५ अक्टूबर २०२३, प्रथम शारदीय नवरात्रि को ,पंचांग की प्रथम प्रति श्रीगिरिजामाता के श्री चरणों में समर्पित करने के बाद, पंचांग के प्रमुख संरक्षक श्रीमदन सिंह बिष्ट जी व श्री संदीप मनराल जी द्वारा किया जायेगा ।
विशेष प्रचार प्रसार हेतु निवेदन :- पंचांग की ११,२१,५१ प्रतियाॅ विश्व विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों, विद्वानों व ज्योतिष प्रेमी सज्जनों में वितरित करने हेतु धनराशि गत वर्षो की भाॅति हमें भेजकर सहयोग प्रदान करें ।
२- अपने क्षेत्र में ज्योतिष के प्रचार प्रसार हेतु वितरण करने के लिए न्यूनतम ११ प्रतियाॅ मंगाकर सहयोग करें । 
वितरण व बाजार में उपलब्धता दिनांक १५ अक्टूबर से होगी। 
                    विशेष भगवत्कृपा ।
निवेदक:- आचार्य (डाॅ)रमेश चन्द्र जोशी , प्रधान सम्पादक,श्रीताराप्रसाद दिव्य पंचांग , ज्योतिष भवन , चित्रकूट, रामनगर (नैनीताल) उत्तराखण्ड (भारत)
सम्पर्क :-9410167777 .

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