भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रारम्भ 1955885123 वर्ष अर्थात् लगभग दो अरब वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को "विजय"नामक संवत्सर में किया था ।
नव संवत्सर की कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
नव संवत्सर का प्रारम्भ:-02अप्रैल 2022 शनिवार
संवत्सर का नाम:- "नल"
संवत्सर के राजा:- "शनि"
संवत्सर के मंत्री:- "गुरु"
कैसे मनायें नव संवत्सर:-02 अप्रैल को प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर मंगल स्नान कर नवीन परिधान धारण कर पूर्ण हर्षोल्लास के साथ देव-द्विज-गुरु जनों का पूजन कर अपने माता-पिता व वृद्धजनों का चरण-स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेकर अपने घर पर ऊर्जा-उत्साह-शौर्य और त्याग का प्रतीक "भगवा" रंग का ध्वज लगायें तथा ज्योतिर्विद से नव संवत्सर का फल सुनें और पूर्ण हर्षोल्लास से कलश स्थापन व नवरात्रारम्भ कर शक्ति की उपासना प्रारम्भ करें ।
विभिन्न राशियों के लिए शुभाशुभ:-
01-चन्द्रबल अशुद्धि(अपैट):-संवत्सर प्रतिपदा के दिन मेष,सिंह,धनु राशि के जातकों को विषुवत संक्रांति के दिन वृष,कन्या,मकर राशि के जातकों को चन्द्रमा प्रतिकूल (अपैट)है ,शान्ति के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करायें तथा पुरोहित जी को मोती,चांदी,चावल,दही घी,श्वेत वस्त्र आदि का अपनी सामर्थ्य व श्रद्धा पूर्वक दान करें ।
02:-वामपाद दोष:-जिन मनुष्यों का जन्म नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी,हस्त,चित्रा(ट,प,ष नाम के प्रथम अक्षर)हैं । उन्हें विषुवत संक्रांति वामपाद (बनाये पैर )में है । कष्ट निवृत्ति के लिए चाॅदी का पैर दही ,लाल वस्त्र व सफेद वस्त्र अन्न आदि का दान करें । वैशाख माह में किसी भी दिन रूद्राभिषेक करायें ।
" द्वादश राशियों का संक्षिप्त भविष्य फल "
01:-मेष: -वर्ष उत्तम रहेगा । पदोन्नति होगी ।
02:-वृष:-स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।भूमि -भवन -वाहन का
सुख मिलेगा ।
03:-मिथुन:-आर्थिक संसाधनों में वृद्धि । भूमि -भवन-वाहन
के क्षेत्र में किया गया पूंजीनिवेश लाभकारी होगा।
04:-कर्क:- मन में कुछ अशान्ति रहेगी ,लेकिन साहस एवं
आत्मबल से सभी कार्य सिद्ध होंगे ।
05:-सिंह:-मनोबल,सत्य निष्ठा एवं बुद्धि कौशल से सभी
दुर्गम काज सिद्ध होंगे ।
06:-कन्या:-व्यवसाय व नौकरी के क्षेत्र में विशेष सफलता
एवं प्रगति के योग हैं ।
07:-तुला:-अनेक असम्भव कार्य सम्भव हो जायेंगें ।
सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी ।
08:-वृश्चिक:-भाग्य की प्रबलता से अनेक योजनाओं में
सफलता मिलेगी ।
09:-धनु :- स्वास्थ्य का ध्यान रखें । मंगल कार्यो पर व्यय
व्यय होगा । मन में उत्साह रहेगा ।
10:-मकर:-उतरती साढ़ेसाती आपकी सभी मनोकामनाएं
पूर्ण कर रही हैं । शनिदेव कृपा कर रहे हैं ।
11:-कुम्भ:-शनि देव आप पर कृपा की वर्षा कर रहे हैं ।
आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो रही हैं ।
12:-मीन:-स्वास्थ्य का ध्यान रखें । साढ़ेसाती का प्रारम्भ
कुछ तनाव पूर्ण रहेगा ।
"ग्रह चाल के लिए अनुसार संवत्सर का सामान्य फलादेश "
इस वर्ष वर्ष वर्षा की अधिकता के कारण बाढ़,तूफान ,आंधी
आदि प्राकृतिक प्रकोपों से प्रजा को कष्ट व परेशानी होगी । भारत की सीमाओं पर तनाव की स्थिति रहेगी । देश के अनेक भागों में आन्दोलनों दंगा-फसाद से अशान्ति का वातावरण रहेगा । मंहगाई बढेगी । विश्व में शान्ति स्थापना में भारत की मुख्य भूमिका रहेगी । केन्द्र सरकार राष्ट्रीय हित में वर्षाकालीन सत्र में कुछ महत्वपूर्ण कानून बनायेगी ।रोगों पर नियंत्रण करने पर शासन पूर्ण रूप से सफल रहेगा ।
श्री गिरिजा माता से प्रार्थना है कि सभी सुखी हों और सभी का कल्याण हो ।
विशेष:- विस्तृत जानकारी के लिए श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग का अवलोकन करने करने का कष्ट करें ।
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प्रस्तुति:-आचार्य (डॉ)रमेश चन्द्र जोशी प्रधान सम्पादक श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग रामनगर नैनीताल सम्पर्क-9410167777
बहुत सुंदर।ज्ञान वर्धक,उपयोगी , हम सब के लिए सरल
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद गुरु 👏🌹💐🌺
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर जानकारी हरि ॐ
जवाब देंहटाएंअति सुंदर भाई साहब
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम गुरुदेव बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंहिन्दू नववर्ष २०७९की सभी सनातनियों को अग्रिम शुभकामनायें।
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