रविवार, 6 मार्च 2022

होली महापर्व 2022 महत्वपूर्ण तिथियाँ

1-होलाष्टक:- फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से प्रारम्भ हो जाता है होलाष्टक प्रारम्भ होने पर होली तक विवाह,उपनयन,गृहप्रवेश,गृहारम्भ आदि सभी शुभ कार्य वर्जित माने गये हैं ।
2- चीर बन्धन-रंगधारण:-14 मार्च 2022 को सम्पूर्ण एकादशी तिथि भद्रा से व्याप्त होने के कारण रंगधारण चीरबन्धन व ध्वजारोपण 13 मार्च 2022 को प्रातः 10:22 बजे(दशमी तिथि की समाप्ति)के बाद होगा । यद्यपि 13 मार्च को 10:22बजे से सूर्यास्त तक का सम्पूर्ण समय रंगधारण व चीरबन्धन के लिए शुभ ही है लेकिन इसमें भी मध्यान्ह 120:03 से 12:51 बजे तक का समय अभिजित् मुहूर्त अति उत्तम है ।
3-आमलकी-आॅवला एकादशी व्रत-आमलकी एकादशी व्रत व आॅवला पूजन 14 मार्च 2022को है ,इसी दिन मीन संक्रांति(फूलदेई)का पर्व भी है ।
4-होलिकादहन:- इस वर्ष 17 मार्च 2022 को सायंकाल (प्रदोषकाल)से अर्द्धरात्रि तक का समय भद्रा दोष से युक्त होने के कारण ,धर्म शास्त्रीय नियमानुसार 17मार्च को भद्रा पुच्छ काल में रात्रि 09:04 बजे से 10:14बजे के मध्य होलिकादहन किया जाना शुभ है ।
5-पूर्णिमा (सत्य नारायण) व्रत:-उत्तराखंड के कुछ स्थानों में होलिकादहन के दिन पूर्णिमा (सत्य नारायण)व्रत नहीं करते जबकि अन्य प्रदेशों में सत्य नारायण व्रत यथावत् किया जाता है जिन प्रदेशों में होलिकादहन के दिन व्रत किया जाता है वहाँ के श्रद्धालु दिनांक 17 मार्च 2022 को सत्यनारायण व्रत करेंगे 
6-होली-छरड़ी (धुलैण्डी) वसन्तोत्सव:-इस वर्ष आम जनता में होली को लेकर असमंजस की स्थिति रहेगी । काशी की परम्परा के अनुसार काशी में किसी भी स्थिति में होलिका दहन के दूसरे दिन होली (धुलैण्डी)मनाई जाती है । लेकिन अन्य स्थानों में यह पर्व उदय व्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में मनाये जाने का शास्त्रीय विधान है जिसका कि काशी व देश के अन्य पंचांगो में स्पष्ट उल्लेख है अर्थात् पंचांगकारो में इस विषय में कोई मतभेद नहीं है । ऐसी स्थिति में काशी को छोड़कर अन्य सभी प्रदेशों में होली-छरड़ी (धुलैण्डी-रंग खेलने)का पर्व 19 मार्च 2022को मनाया जाना ही शास्त्र सम्मत है । 
 प्रस्तुति:- पंचांगकार डॉ . रमेश चन्द्र जोशी,ज्योतिषाचार्य सम्पादक-श्रीतारा प्रसाद दिव्य पंचांग रामनगर नैनीताल ।

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