शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

कुमाऊँ में व्रत-पर्वों में मतान्तर पर एक विश्लेषण

        उत्तराखण्ड में व्रत- पर्वों में एक रूपता के लिए सभी पंचांगकारो के सम्मुख मेरे द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया जिसमें प्रत्येक वर्ष   पंचांगकारो को अपने पंचांग की व्रत पर्व सूची एक दूसरे को देने को कहा गया था लेकिन श्री गणेश मार्तण्ड पंचांग  की ओर से कोई प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं हुआ फिर भी मैंने संवत् 2077 की व्रत-पर्व सूची जून 2019 में श्री दीपक जोशी जी को भेज दी लेकिन फिर भी कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला ।
संवत्सर का नाम-दसाधिकारी विवरण में "प्रमाथी"जबकि भैरव भवानी संवाद में "प्रमादी "दिया है ।
         शरद कोजागरी पूर्णिमा पृष्ठ संख्या 27 पर 30 अक्तूबर को दी है जबकि पृष्ठ संख्या 46 पर 31अक्तूबर को दी है इतना भ्रम पूर्व में कभी भी नही देखा गया ।
एक पंचांगकार शरद कोजागर पूर्णिमा तथा प्रत्येक माह होने वाले सत्यनारायण व्रत को न समझ पाना अत्यन्त ही चिन्तनीय है ।
     कोजागरी पूर्णिमा का उपवास एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक होता है तथा इसमें रात्रि जागरण होता है रात्रि में लक्ष्मी -इन्द्र की पूजा की जाती है यह अर्द्ध रात्रि व्यापिनी शरद पूर्णिमा को किया जाता है इसका व्रत 30अक्तूबर को था कुमाऊँ में इस व्रत को करने वालों की संख्या नगण्य है ।
        जबकि प्रत्येक माह होने वाला पूर्णिमा व्रत प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में किया जाता है दोनों दिनों की प्रदोष व्यापिनी होंने पर यह दूसरे दिन ही किया जाता है इसमें एक समय का (नक्त)व्रत किया जाता है चन्द्रोदय होने पर भगवान सत्यनारायण जी व चन्द्रमा का पूजन करके लोग भोजन कर लेते हैं कुमाऊँ में अधिकांश लोग इसी व्रत को करते हैं यह व्रत 31अक्तूबर को ही था ।  पूर्णिमा व्रत की यह स्थिति श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग में स्पष्ट रूप से अंकित है ।
                   लोहाघाट के एक ज्योतिर्विद कहते हैं कि रामदत्त जी के पंचांग में हरिबोधनी एकादशी का व्रत 25 नवम्बर को तथा चतुर्मास व्रतोद्यापन 27नवम्बर को लिखा है इससे बहुत असमंजस है ।यह बहुत गम्भीर गलती है ।
        चतुर्मास व्रत का उद्यापन सदैव एकादशी व्रत के दूसरे दिन द्वादशी में किया जाता है और इसी दिन तुलसी विवाह भी होता है । चतुर्मास व्रतोद्यापन व तुलसी विवाह 26 नवम्बर 2020 को किया जाना ही शास्त्र सम्मत है ।
                श्री गणेश मार्तण्ड पंचांग के सम्पादक महोदय ने अपने सम्पादकीय में लिखा है कि श्री मार्तण्ड पंचांग के सम्पादक श्री प्रियव्रत शर्मा जी का स्नेह उन पर बना हुआ है ,यदि ऐसा है तो इनके व्रत ,पर्व ,तिथ्यादि मान मार्तण्ड पंचांग से क्यो नहीं मिलते ? 
          मार्तण्ड पंचांग में पूर्णिमा सत्य नारायण व्रत 31अक्तूबर को तथा तुलसी विवाह व चातुर्मास्य व्रत समाप्त 26 नवम्बर को अंकित है ।
               समस्त धर्म प्रेमी सज्जनों से निवेदन है कि ऐसे भ्रमोत्पादक पंचांगो-पंचांगकारो व उनके अन्ध समर्थकों से सावधान रहें हम व्रत पर्वों की एकरूपता व मत मतान्तर की समाप्ति के लिए कृत संकल्प हैं आपका सहयोग मिला तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी । 
            निवेदक-आचार्य (डॉ)रमेश चन्द्र जोशी प्रधान सम्पादक श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग रामनगर नैनीताल(उत्तराखंड) सम्पर्क-9410167777

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