श्री गिरिजा माता की अहैतुकी अनुकम्पा से श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग का नवम अंक "आपातकालीन विवाह लग्न रहस्य विशेषांक " को बहुत ही उपयोगी अश्रुत एवं अलोकित सामग्री से सुसज्जित करके संवत्सर प्रतिपदा से सात माह पूर्व सुधी पाठकों के कर कमलों में समर्पित कर रहे हैं ।
इस अंक की प्रमुख विशेषतायें :- आपातकालीन विवाह लग्नों का प्रारम्भ ,आपातकालीन विवाह लग्नों पर हमारा प्रयास और कुर्मांचल के विद्वानों की राय , वर्तमान परिस्थितियाँ व विवाह संस्कार । वैवाहिक विलम्ब के विविध कारण -सनातन धर्मियों (हिन्दुओं)की महत्वाकांक्षा व उदारता ।
2-ज्योतिष का समुचित ज्ञान न होने से मेलापक के कारण विवाह में अनावश्यक विलम्ब :-मेलापक और नक्षत्र ,अष्टकूट मिलान में असावधानियाॅ ,ग्रह मिलान व मंगली दोष का विचार ।
3-आपातकालीन विवाह लग्नों का शास्त्रीय विवेचन ।
4- विवाह के लिए समय शुद्धि -अशुद्धि विचार एवं नियम आदि आपातकालीन विवाह लग्नों पर गवेषणात्मक प्रस्तुति ।
इसके अतिरिक्त इस वर्ष के कुछ महत्वपूर्ण व नवीन विषय निम्न प्रकार हैं :-
यथा :- महोदय व वारुणी योग ,शिववास विचार ,वाण- पंचक दोष , भू-शयनादि विचार ,पर्वों में एक रूपता ,मीनार्क में बटुकों का उपनयन निर्णय ,अधिकमास (श्रावण)में पार्थिव पूजा निर्णय ,अधिक मास पर विशेष ,द्वादश नाड़ी वेध चक्र, आयुर्वेद की चमत्कारिक जड़ी-बूटियाँ आदि शताधिक शोधपूर्ण विषयों से सुसज्जित श्री गिरिजा माता की अहैतुकी अनुकम्पा व पूज्य माता -पिताजी ,गुरु व विप्र जनों के आशीर्वाद से सम्पादित पंचांग के इस नवम अंक की प्रथम प्रति को दिनांक 4 सितम्बर 2022 श्रीनन्दाष्टमी -श्रीराधाष्टमी को श्रीगिरिजामाता की मंगला आरती के समय उनके श्री चरणों में समर्पित किया जायेगा तत्पश्चात श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग प्रकाशन मण्डल के संरक्षक व संस्थापक सदस्यों द्वारा ज्योतिष भवन, चित्रकूट -रामनगर के प्रांगण में पंचांग का विमोचन कर पंचांग का वितरण प्रारम्भ कर दिया जायेगा ।
इस अंक से ज्योतिष प्रेमियों को कुछ भी लाभ हुआ तो में अपने परिश्रम को सफल मानते हुए धन्यता का अनुभव करूंगा । प्रेषक :-आचार्य (डाॅ )रमेशचन्द्र जोशी ,प्रधानसम्पादक श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग ।
सम्पर्क ;- 9410167777 ।