शुक्रवार, 25 मार्च 2022

सनातन हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि का प्रारम्भ 1955885123 वर्ष अर्थात् लगभग दो अरब वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को "विजय"नामक संवत्सर में किया था ।
नव संवत्सर की कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
नव संवत्सर का प्रारम्भ:-02अप्रैल 2022 शनिवार 
संवत्सर का नाम:- "नल"
संवत्सर के राजा:- "शनि"
संवत्सर के मंत्री:- "गुरु"
कैसे मनायें नव संवत्सर:-02 अप्रैल को प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर मंगल स्नान कर नवीन परिधान धारण कर पूर्ण हर्षोल्लास के साथ देव-द्विज-गुरु जनों का पूजन कर अपने माता-पिता व वृद्धजनों का चरण-स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेकर अपने घर पर ऊर्जा-उत्साह-शौर्य और त्याग का प्रतीक "भगवा" रंग का ध्वज लगायें तथा ज्योतिर्विद से नव संवत्सर का फल सुनें और पूर्ण हर्षोल्लास से कलश स्थापन व नवरात्रारम्भ कर शक्ति की उपासना प्रारम्भ करें ।
विभिन्न राशियों के लिए शुभाशुभ:-
01-चन्द्रबल अशुद्धि(अपैट):-संवत्सर प्रतिपदा के दिन मेष,सिंह,धनु राशि के जातकों को विषुवत संक्रांति के दिन वृष,कन्या,मकर राशि के जातकों को चन्द्रमा प्रतिकूल (अपैट)है ,शान्ति के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करायें तथा पुरोहित जी को मोती,चांदी,चावल,दही घी,श्वेत वस्त्र आदि का अपनी सामर्थ्य व श्रद्धा पूर्वक दान करें ।
02:-वामपाद दोष:-जिन मनुष्यों का जन्म नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी,हस्त,चित्रा(ट,प,ष नाम के प्रथम अक्षर)हैं । उन्हें विषुवत संक्रांति वामपाद (बनाये पैर )में है । कष्ट निवृत्ति के लिए चाॅदी का पैर दही ,लाल वस्त्र व सफेद वस्त्र अन्न आदि का दान करें । वैशाख माह में किसी भी दिन रूद्राभिषेक करायें ।
             " द्वादश राशियों का संक्षिप्त भविष्य फल "
01:-मेष: -वर्ष उत्तम रहेगा । पदोन्नति होगी ।
02:-वृष:-स्वास्थ्य अच्छा रहेगा ।भूमि -भवन -वाहन का 
                   सुख मिलेगा ।
03:-मिथुन:-आर्थिक संसाधनों में वृद्धि । भूमि -भवन-वाहन 
                   के क्षेत्र में किया गया पूंजीनिवेश लाभकारी होगा।
04:-कर्क:- मन में कुछ अशान्ति रहेगी ,लेकिन साहस एवं    
                   आत्मबल से सभी कार्य सिद्ध होंगे ।
05:-सिंह:-मनोबल,सत्य निष्ठा एवं बुद्धि कौशल से सभी 
                  दुर्गम काज सिद्ध होंगे । 
06:-कन्या:-व्यवसाय व नौकरी के क्षेत्र में विशेष सफलता 
                     एवं प्रगति के योग हैं ।
07:-तुला:-अनेक असम्भव कार्य सम्भव हो जायेंगें । 
                   सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी ।
08:-वृश्चिक:-भाग्य की प्रबलता से अनेक योजनाओं में 
                         सफलता मिलेगी ।
09:-धनु :- स्वास्थ्य का ध्यान रखें । मंगल कार्यो पर व्यय 
                      व्यय होगा । मन में उत्साह रहेगा ।
10:-मकर:-उतरती साढ़ेसाती आपकी सभी मनोकामनाएं 
                    पूर्ण कर रही हैं । शनिदेव कृपा कर रहे हैं ।
11:-कुम्भ:-शनि देव आप पर कृपा की वर्षा कर रहे हैं ।
                    आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो रही हैं ।
12:-मीन:-स्वास्थ्य का ध्यान रखें । साढ़ेसाती का प्रारम्भ 
                    कुछ तनाव पूर्ण रहेगा ।
"ग्रह चाल के लिए अनुसार संवत्सर का सामान्य फलादेश "
इस वर्ष वर्ष वर्षा की अधिकता के कारण बाढ़,तूफान ,आंधी
आदि प्राकृतिक प्रकोपों से प्रजा को कष्ट व परेशानी होगी । भारत की सीमाओं पर तनाव की स्थिति रहेगी । देश के अनेक भागों में आन्दोलनों दंगा-फसाद से अशान्ति का वातावरण रहेगा । मंहगाई बढेगी । विश्व में शान्ति स्थापना में भारत की मुख्य भूमिका रहेगी । केन्द्र सरकार राष्ट्रीय हित में वर्षाकालीन सत्र में कुछ महत्वपूर्ण कानून बनायेगी ।रोगों पर नियंत्रण करने पर शासन पूर्ण रूप से सफल रहेगा । 
श्री गिरिजा माता से प्रार्थना है कि सभी सुखी हों और सभी का कल्याण हो । 
विशेष:- विस्तृत जानकारी के लिए श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग का अवलोकन करने करने का कष्ट करें ।
नोट:-इस जानकारी को काट-छाॅटकर अथवा हमारा नाम हटाकर प्रकाशित करना व शेयर करना पूर्णतः निषेध है ।आप इस लेख को मूल रूप में यथावत् शेयर कर सकते हैं । 
प्रस्तुति:-आचार्य (डॉ)रमेश चन्द्र जोशी प्रधान सम्पादक श्रीताराप्रसाददिव्य पंचांग रामनगर नैनीताल सम्पर्क-9410167777

रविवार, 6 मार्च 2022

होली महापर्व 2022 महत्वपूर्ण तिथियाँ

1-होलाष्टक:- फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से प्रारम्भ हो जाता है होलाष्टक प्रारम्भ होने पर होली तक विवाह,उपनयन,गृहप्रवेश,गृहारम्भ आदि सभी शुभ कार्य वर्जित माने गये हैं ।
2- चीर बन्धन-रंगधारण:-14 मार्च 2022 को सम्पूर्ण एकादशी तिथि भद्रा से व्याप्त होने के कारण रंगधारण चीरबन्धन व ध्वजारोपण 13 मार्च 2022 को प्रातः 10:22 बजे(दशमी तिथि की समाप्ति)के बाद होगा । यद्यपि 13 मार्च को 10:22बजे से सूर्यास्त तक का सम्पूर्ण समय रंगधारण व चीरबन्धन के लिए शुभ ही है लेकिन इसमें भी मध्यान्ह 120:03 से 12:51 बजे तक का समय अभिजित् मुहूर्त अति उत्तम है ।
3-आमलकी-आॅवला एकादशी व्रत-आमलकी एकादशी व्रत व आॅवला पूजन 14 मार्च 2022को है ,इसी दिन मीन संक्रांति(फूलदेई)का पर्व भी है ।
4-होलिकादहन:- इस वर्ष 17 मार्च 2022 को सायंकाल (प्रदोषकाल)से अर्द्धरात्रि तक का समय भद्रा दोष से युक्त होने के कारण ,धर्म शास्त्रीय नियमानुसार 17मार्च को भद्रा पुच्छ काल में रात्रि 09:04 बजे से 10:14बजे के मध्य होलिकादहन किया जाना शुभ है ।
5-पूर्णिमा (सत्य नारायण) व्रत:-उत्तराखंड के कुछ स्थानों में होलिकादहन के दिन पूर्णिमा (सत्य नारायण)व्रत नहीं करते जबकि अन्य प्रदेशों में सत्य नारायण व्रत यथावत् किया जाता है जिन प्रदेशों में होलिकादहन के दिन व्रत किया जाता है वहाँ के श्रद्धालु दिनांक 17 मार्च 2022 को सत्यनारायण व्रत करेंगे 
6-होली-छरड़ी (धुलैण्डी) वसन्तोत्सव:-इस वर्ष आम जनता में होली को लेकर असमंजस की स्थिति रहेगी । काशी की परम्परा के अनुसार काशी में किसी भी स्थिति में होलिका दहन के दूसरे दिन होली (धुलैण्डी)मनाई जाती है । लेकिन अन्य स्थानों में यह पर्व उदय व्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में मनाये जाने का शास्त्रीय विधान है जिसका कि काशी व देश के अन्य पंचांगो में स्पष्ट उल्लेख है अर्थात् पंचांगकारो में इस विषय में कोई मतभेद नहीं है । ऐसी स्थिति में काशी को छोड़कर अन्य सभी प्रदेशों में होली-छरड़ी (धुलैण्डी-रंग खेलने)का पर्व 19 मार्च 2022को मनाया जाना ही शास्त्र सम्मत है । 
 प्रस्तुति:- पंचांगकार डॉ . रमेश चन्द्र जोशी,ज्योतिषाचार्य सम्पादक-श्रीतारा प्रसाद दिव्य पंचांग रामनगर नैनीताल ।